हिंदी कहानियां - भाग 28
मुल्ला रसोई में कुछ बना रहा था. वह अपने पड़ोसी के पास गया और उससे एक बरतन माँगा और वादा किया कि अगली सुबह उसे वह बरतन लौटा देगा.
अगले दिन मुल्ला पड़ोसी के घर बरतन लौटाने के लिए गया. पडोसी ने मुल्ला से अपना बरतन ले लिया और देखा कि उसके बरतन के भीतर वैसा ही एक छोटा बरतन रखा हुआ था. पड़ोसी ने मुल्ला से पूछा – “मुल्ला! यह छोटा बरतन किसलिए?” मुल्ला ने कहा – “तुम्हारे बरतन ने रात को इस बच्चे बरतन को जन्म दिया इसलिए मैं तुम्हें दोनों वापस कर रहा हूँ.”
पड़ोसी को यह सुनकर बहुत ख़ुशी हुई और उसने वे दोनों बरतन मुल्ला से ले लिए. अगले ही दिन मुल्ला दोबारा पड़ोसी के घर गया और उससे पहलेवाले बरतन से भी बड़ा बरतन माँगा. पडोसी ने ख़ुशी-ख़ुशी उसे बड़ा बरतन दे दिया और अगले दिन का इंतज़ार करने लगा.
एक हफ्ता गुज़र गया लेकिन मुल्ला बरतन वापस करने नहीं आया. मुल्ला और पडोसी बाज़ार में खरीदारी करते टकरा गए. पडोसी ने मुल्ला से पूछा – “मुल्ला! मेरा बरतन कहाँ है?” मुल्ला ने कहा – “वो तो मर गया!” पडोसी ने हैरत से पूछा – “ऐसा कैसे हो सकता है? बरतन भी कभी मरते हैं!” मुल्ला बोला – “क्यों भाई, अगर बरतन जन्म दे सकते हैं तो मर क्यों नहीं सकते?”